Success Story: पारंपरिक खेती के इतर उद्यानिकी फसलों की खेती किसानों को भा रही है. क्योंकि इनमें पारंपरिक धान-गेहूं की तुलना में दोगुनी से ज्यादा कमाई हो रही है. छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के चठिरमा के उन्नत किसान के रूप में परिमल का जीवन फूलों की ही तरह महकने लगा है.
1/5
3 वर्षों से कर रहे फूलों की खेती
परिमल तीन वर्षों से गेंदा फूल की खेती (Marigold Farming) कर रहे हैं. पारंपरिक खेती की तुलना में फूलों की खेती का नवाचार परिमल जैसे किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है.
2/5
सरकार से मिली सब्सिडी
शुरुआती दो वर्ष में जानकारी के अभाव में उनकी आमदनी कम होती थी. अब राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National Horticulture Mission) के तहत उन्हें उद्यानिकी विभाग से 1,280 पौधे और 6,400 रुपये की अनुदान सहायता राशि मिली.
विभाग ने उन्हें नवाचार के कई पद्धतियों के बारे में बताया साथ ही समय-समय पर दवा के छिड़काव संबंधित जानकारी दी. परिमल ने अपने बागवानी में ड्रिप सिस्टम (Drip Irrigation Sysmtem) का उपयोग किया और जिससे उनके खेतों में फूलों की बंपर पैदावार हुई.
4/5
3 महीने में शुरू होती जाती है आमदनी
परिमल बताते हैं कि गेंदे की खेती से महज 3 माह में ही आमदनी मिलनी शुरू हो जाती है. वे एक वर्ष में 2 सीजन में खेती करते हैं अभी उन्होंने अपने 0.400 एकड़ रकबे में गेंदा फूल लगाया है.
5/5
बंपर उत्पादन से हुई दोगुनी कमाई
पहले प्रति सीजन मात्र 15 से 20 हजार तक होने वाली कमाई अब 45 से 50 हजार तक हो जा रही है. तीज-त्योहारों के समय तो मांग बढ़ने से आमदनी और बढ़ जाती है.
recommended PHOTOS
By accepting cookies, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts.